झुंड की कहानी नागपुर के एक रिटायर्ड स्पोर्ट्स टीचर विजय बरसे की जिंदगी पर आधारित है। विजय ने झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों का भविष्य संवारने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। विजय के किरदार को ही अमिताभ बच्चन ने अदा किया है।

कहानी की शुरुआत नागपुर की उस झुग्गी से होती है जहां रहने वाले बच्चों की तुलना लोग गंदगी से करते हैं। विजय को इन बच्चों के अंदर छिपा हुआ टैलेंट दिख जाता है और फिर उनकी जिंदगी को खूबसूरत बनाने के लिए वह दिन रात एक करने में जुट जाता है।

अपनी मेहनत और लगन से विजय गलत राह में जाने वाले इन बच्चों को सही दिशा दिखाने की कोशिश करता है। इस दौरान उसे कई बार निराशा का भी सामना करना पड़ता है। क्या विजय जो चाहता है वो पूरा हो पाया? क्या इन बच्चों की जिंदगी संवर जाएगी? इस सवालों के जवाब के लिए आपको झुंड देखना होगा।

 

एक्टिंग की बात की जाए तो अमिताभ बच्चन ने हमेशा की तरह इस बार भी अपने किरदार को पूरी तरह से जीने की कोशिश की है।

सैराट फेम आकाश ठोसर और रिंकू राजगुरु की अदाकारी भी आपको पसंद आएगी। झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों का किरदार निभाने वाले कलाकारों ने अपनी अदाकारी से झुंड में चार चांद ही लगा दिए हैं।

निर्देशन की बात करें तो नागराज मंजुले ने 'पिस्तुल्या' और 'सैराट' जैसी सुपरहिट फिल्में बनाई हैं। इन फिल्मों के लिए नागराज को नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है। झुंड की कहानी पर नागराज पिछले 2 साल से काम कर रहे थे और उनका रिसर्च वर्क साफ-साफ दिखता है। हालांकि फिल्म के कई सीन के डायलॉग आपको कमजोर से लग सकते हैं। इंटरवल के बाद फिल्म अच्छी रफ्तार पकड़ती है।