मुजफ्फरपुर। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के कई ग्राहकों के खाते से करोड़ों के साइबर फ्रा'ड मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जांच रिपोर्ट भेज दी गई है।

इस मामले में ईडी की ओर से पूरे मामले में नगर थानाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी गई थी। इसके बाद केस के जांच अधिकारी ओमप्रकाश ने केस डायरी, जांच प्रतिवेदन व चार्जशीट की छायाप्रति के साथ विस्तृत रिपोर्ट ईडी को भेज दी है।

कहा जा रहा कि मनी लांड्रिग मामले में ईडी की टीम आगे की जांच कर हवाला का'रोबारियों पर न'केल कसने की का'र्रवाई करेगी। इसके लिए ईडी की ओर से 15 लोगों के बैंक खाते, पासबुक व अन्य जानकारी भी मांगी गई थी। इसमें से पुलिस की ओर से आ'रोपित जफर समेत अन्य का विवरण भेजा गया है।

बताते चलें कि ईडी की ओर से संदेह के घेरे में आए संतोष आनंद, प्रभात रंजन, मोहम्मद जफर इकबाल, मंजय कुमार सिंह, मुकेश शर्मा, कुंदन कुमार, आरके ठाकुर, नीतेश कुमार सिंह, राजेश कुमार सिंह, वजफ, समीर दा उर्फ समीर दास, मो.शाहिद, मो. साहिल, मो. सादिक और दिलीप मंडल का पैन नंबर, पूरा पता, आधार नंबर, वोटर आइडी, पासपोर्ट समेत अन्य तमाम दस्तावेज की जानकारी भी मांगी गई थी।

मालूम हो कि पिछले साल सबसे पहले बीएसएनल के सेवानिवृत्त कर्मी रामदेव राम के बैंक खाते से 22 लाख 40 हजार की अवैध तरीके से निकासी का मामला पुलिस के सामने आया था। नगर थाने में इसकी प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। इसी में और कई मामले भी आने लगे। इसके बाद विशेष टीम ने पूरे मामले का पर्दाफाश किया। इसमें पता चला कि गोबरसही पीएनबी शाखा के बैंक कर्मी नीतेश कुमार सिंह के द्वारा ग्राहक का विवरण लेकर गिरोह के सरगना तक पहुंचाया जाता था। इसके बाद ग्राहक के मोबाइल नंबर के जरिए एप के माध्यम से आनलाइन तरीके से रुपये उड़ाए गए थे।

जांच में यह भी पता चला कि आ'रोपितों द्वारा मोबाइल का नेटवर्क गा'यब कर दिया जाता है। इसके बाद उस नंबर का दूसरा सिम लेकर राशि उ'ड़ाने का खेल किया जाता है। इस मामले में बैंककर्मी नीतेश समेत छह आ'रोपितों को गि'रफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। अन्य मामलों में भी आ'रोपितों को रिमांड पर लेने की कवायद की जा चुकी है। पुलिस का कहना है कि साइबर फ्रा'ड से संबंधित कई केसों में चार्जशीट दायर किया जा चुका है। जल्द ही स्पीडी ट्रायल से सजा दिलाने की का'र्रवाई की जाएगी।