मुजफ्फरपुर। शहर के मध्य स्थित सिकंदरपुर मन की सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री की सीबीआइ या बड़ी एजेंसी से जांच हो सकती है। इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने राजस्व विभाग, प्रमंडलीय आयुक्त एवं डीएम समेत नौ पदाधिकारियों से प्रति शपथपत्र की मांग की है।
इसके आलोक में प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय ने डीएम से इस मामले में विस्तृत विवरण मांगा है। विदित हो कि योगियामठ निवासी उपेंद्र ठाकुर ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि वर्षों से खासमहाल और बिहार सरकार की जमीन की खरीद-बिक्री की जा रही है।
इसमें जिले के पदाधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई गई है। कहा गया है कि रोक के बाद भी यहां की जमीन रजिस्ट्रार और वरीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से बेची जा रही है। यही नहीं इसकी जमाबंदी भी अंचल कार्यालय से कर दी जा रही है। इसे देखते हुए मामले की जांच सीबीआइ या किसी बड़ी एजेंसी से कराई जाए।
आवदेन पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट मांगी है। अतिरिक्त महाधिवक्ता-12 खुर्शीद आलम ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव समेत आयुक्त, डीएम, एडीएम, डीसीएलआर पूर्वी, एसडीओ पूर्वी, एसडीसी, जिला अवर निबंधक एवं मुशहरी के सीओ को पत्र जारी किया है।
इसमें कहा गया है कि नाजिरपुर, बालूघाट व सिकंदरपुर मन क्षेत्र की जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री एवं अतिक्रमण की बात कही गई है। इसे देखते हुए मामले में प्रति शपथपत्र (काउंटर एफिडेविट) हाईकोर्ट में जमा किया जाए ताकि इसपर कोई निर्णय लिया जा सके।


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