हाजीपुर : जिला विधिक सेवा प्राधिकार वैशाली के तत्वावधान में समाहरणालय सभाकक्ष में सेक्स वर्करों पर कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को किया गया। उद्धाटन प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश वैशाली सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार वैशाली दीपक कुमार सिंह ने किया।

इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बुद्धदेव कर्मकार बनाम पश्चिम बंगाल केस में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया है, जिसमें सेक्स वर्कर को सम्मान पूर्वक जीने का अधिकार के बात की गई है।

उन्हें समाज के अंदर किसी भी तरह के भेदभाव उनके साथ ना हो इस पर हम सभी को ध्यान देना है। उन्होंने कहा कि वैशाली आम्रपाली की धरती है। यहां हमेशा महिलाओं को सम्मान मिलता रहा है। सेक्स वर्कर का भी सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें सारे संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं। जो भारत के एक आम आदमी को है।

इस अवसर पर प्रभारी जिला जज ने कहा कि अगर आप सेक्स वर्कर हैं तो कहीं से भी शर्म की बात नहीं है। किसी से बचने की बात नहीं है। अपने बच्चों के स्कूल में एडमिशन कराने में यह बात करने में कोई शर्म नहीं होनी चाहिए कि हां मैं सेक्स वर्कर हूं। यह विश्वास आपको स्वयं पैदा करनी होगी।

सेक्स वर्करों को राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड एवं सरकार के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाए। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव देवेश कुमार ने कहा कि हम सभी को मिलकर सेक्स वर्कर के कल्याण हेतु कार्य करने की आवश्यकता है। जिसमें सिविल सोसाइटी से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

कन्हाई शुक्ला संस्थान के सचिव सुधीर कुमार शुक्ला ने कहा कि हम सभी रूट लेवल पर सेक्स वर्कर के कल्याण हेतु लगातार कार्य करते हैं। जिसमें विशेष रूप से उनके स्वास्थ्य की देखभाल की जाती है। जिसमें प्रत्येक 6 महीने पर उनकी एचआईवी जांच, 3 महीने पर यौन रोगों और संबंधित जांच एवं प्रत्येक सेक्स वर्कर तक कंडोम पहुंचाया जाता है। ताकि वह सेक्स के दौरान किसी तरह के संक्रमण के शिकार ना हों।

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