बेगूसराय. बेगूसराय में गोबर-धन योजना शुरू की जा रही है. जिले के तेघड़ा गौशाला में अत्याधुनिक तकनीक से बायो गैस का उत्पादन होगा. जिसको लेकर 2 टन क्षमता वाले बायोगैस संयंत्र स्थापित करने का काम चल रहा है. तेघड़ा गोशाला के सचिव शिव कुमार केजरीवाल ने बताया कि गौशाला के आस-पास के दुकानों और घरों को पाइप लाइन के माध्यम से रसोई गैस की आपूर्ति कराई जाएगी. वहीं बायोगैस से निकलने वाले अपशिष्ट से गौशाला में वर्मी कंपोस्ट का निर्माण भी कराया जाएगा.
दो टन क्षमता वाले बायोगैस का लगेगा संयंत्र
तेघड़ा गोशाला के सचिव सचिव शिव कुमार केजरीवाल ने बताया कि 2 टन क्षमता वाला बायोगैस संयंत्र लगेगा. संयंत्र लगाने में 50 लाख की लागत आएगी. जिसमें प्रत्येक दिन 100 घन मीटर बायोगैस का उत्पादन होगा. उत्पादित बायोगैस का समुचित उपयोग हो सके इसके लिए बायोगैस संयंत्र को पाइप लाइन से जोड़ा जाएगा. इससे न सिर्फ गौशाला को बायोगैस उपलब्ध होगी, बल्कि आस-पास के 25 दुकानदारों और गौशाला के नजदीक 25 घरों को भी खाना पकाने के लिए गैस मुहैया करायी जाएगी.

डीएम रोशन कुशवाहा ने लोहिया स्वच्छता अभियान व स्वच्छ भारत मिशन के तहत गोबर-धन योजना की शुरुआत कर कार्य को मूर्त रूप देने में लगे हैं. गोबर-धन (गैल्वनाइज़िंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज़-धन) योजना जिले में पहली बार तेघड़ा गोशाला में शुरु की जा रही है. गोबर-धन योजना के अंतर्गत पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कम्पोस्ट, बायोगैस, बायो-सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा. इसी सीएनजी गैस को तेघड़ा गोशाला में बेचकर पैसा कमाया जाएगा.
बायोगैस का गौशाला प्रबंधन समिति करेगी मार्केटिंग
तेघड़ा गौशाला में बायोगैस प्लांट लगाने के लिए गोशाला समिति के सचिव शिवकुमार केजरीवाल, राज्य द्वारा चयनित टेक्निकल एजेंसी के सावित्री, रिन्यूएबल एनर्जी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अतुल कुमार तथा जिला जल एवं स्वच्छता समिति के अधिकारी ने योजना को लेकर समीक्षा की. फिलहाल कार्य योजना तैयार कर निर्माण शुरु किया गया है. इस योजना से पहले भी यहां पर लगाए गए बायो गैस का उपयोग कर गाय के लिए घट्टा बनाया जा रहा है. वहीं इस संबंध में तेघड़ा गौशाला के सचिव शिव कुमार केजरीवाल ने बताया कि बायोगैस का गौशाला प्रबंधन समिति मार्केटिंग भी करेगी.



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