मुजफ्फरपुर : खेत-खलिहान और किसानों के बीच जाकर छात्र पढ़ाई करेंगे। नई शिक्षा नीति के तहत बने नेशनल फ्रेमवर्क में कम्युनिटी इंगेजमेंट कोर्स की शुरुआत की गई है। खेत-खलिहान और किसानों के बीच जाकर छात्र पढ़ाई करेंगे।
नई शिक्षा नीति के तहत बने नेशनल फ्रेमवर्क में कम्युनिटी इंगेजमेंट कोर्स की शुरुआत की गई है। स्नातक और पीजी के छात्रों के लिए इस कोर्स को बनाया गया है।
उच्च शिक्षा में सामाजिक सहभागिता को लेकर यह पहल की गई है। नई शिक्षा नीति के तहत स्टेक होल्डर से सुझाव मांगे गए थे। इसमें सामने आया कि बड़ी जनसंख्या आज भी भारत में गांवों में रहती है और युवा पीढ़ी का इनसे जुड़ाव काफी कम है और जमीनी स्तर के बारे में भी जानकारी नहीं है।इसलिए छात्रों के बीच समाजिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए यूजी और पीजी स्तर पर इस पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई है।
यूजीसी ने निर्देश दिया है कि स्नातक और पीजी के छात्रों को कोर्स कराया जाए। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र की सच्चाई और चुनौतियों पर छात्र-छात्राएं काम करेंगे।
फील्ड वर्क पर इसमें छात्रों को अंक मिलेगा। यूजीसी ने सभी कॉलेज और विवि को इस संबंध में निर्देश दिया है। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने इस कोर्स के अंक से लेकर कोर्स की अवधि और टॉपिक से संबंधित गाइडलाइन जारी कर निर्देश दिया है कि छात्रों को इससे जोड़ा जाए।

बता दें कि इस कोर्स को चार माड्यूल में बांटा गया है जिसमें सभी में किसानों के बीच जाकर छात्रों को काम करना होगा। सभी मॉड्यूल में दो क्रेडिट कोर्स दिए गए हैं।
इसमें पहले मॉड्यूल में ग्रामीण समाज के तहत ग्रामीण जीवन, जाति-लिंग का संबंध, समाज की नजर में ग्रामीण जीवन मूल्य, प्रकृति और संसाधन पढ़ना है। इसमें छात्रों को एक गांव में जाकर वहां का मैप तैयार करना है और इसके बाद इन टॉपिक पर काम कर अपनी रिपोर्ट तैयार करनी होगी। दूसरे मॉड्यूल में ग्रामीण इकोनॉमी और वहां के जीवन के बारे में पढ़ना है जिसमें खेती-किसानी, गांव स्तर के उद्यम, गांव का बाजार और मजदूरों के पलायन पर काम करना है।
तीसरे मॉड्यूल में ट्रेडिशनल और कम्युनिटी ऑर्गेनाइजेशन, सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ छात्रों को काम करना है और देखना है कि पंचायती राज व्यवस्था किस तरह काम कर रही है। चौथे मॉड्यूल में ग्रामीण विकास को लेकर बनी योजनाएं सर्व शिक्षा अभियान, आयुष्मान भारत,स्वच्छ भारत जैसी योजनाओं को गांव स्तर पर जाकर देखना है। फील्ड वर्क पर 30 फीसदी अंक, प्रोजेक्ट पर 40 फीसदी और फील्ड में सीखने के बाद प्रेजेंटेशन पर 30 फीसदी अंक तय किए गए हैं।

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