मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खाली पदों को लेकर एक बार फिर नाराजगी दिखाई है। मुख्यमंत्री बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 75वीं वर्षगांठ पर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को इसके लिए जमकर झाड़ लगाई। उन्होंने कहा कि "अभी चीफ सेक्रेट्री का लंबा-चौड़ा भाषण देख रहे थे। चीफ सेक्रेट्री साहब...खाली भाषण नहीं। बहुत तकलीफ हुआ कि 23 साल से एक अध्यक्ष के साथ छह पद का प्रावधान है, लेकिन सदस्यों के तीन पद खाली हैं। यह तो नहीं होना चाहिए। आपके पूजा-पाठ (ईद) में अभी समय है। पांच दिन के अंदर सभी तीन पद भरिए।" इससे पहले मुख्यमंत्री ने पुलिस दिवस पर इसी तरह खली पदों को लेकर जमकर झाड़ लगाई थी।
अब 45,892 की नियुक्ति का जिम्मा दिया है
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग 1 अप्रैल 1949 को अस्तित्व में आया और 1 मार्च 1951 को रांची से पटना आया। पहले तो यहां एक अध्यक्ष के साथ 10 सदस्यों का प्रावधान था। फिर झारखंड के अलग होने के बाद अध्यक्ष के साथ छह सदस्यों की व्यवस्था रही। मुख्यमंत्री ने अचरज से कहा- "आज आए तो देखा कि अध्यक्ष के साथ तीन सदस्य ही हैं। पूछा तो पता चला कि कुछ लोग रिटायर कर गए। जब छह सदस्यों का पद है तो होना ही चाहिए। इन्हें (BPSC) को कितनी बड़ी जिम्मेदारी दी है हमने। जहां 18 साल से 24,301 नियुक्ति हुई थी, वहां इस बार 45,892 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। इनका ही पद खाली रहेगा तो काम कैसे होगा?"
मुख्यमंत्री ने किसकी कैसे-क्यों लगाई क्लास, पढ़िए मुख्यमंत्री ने खाली पदों को लेकर गुस्से का इजहार किया। उन्होंने कहा- "इसमें तो ऐसा नहीं होना चाहिए। पहले तो हमलोग बराबर देखते रहते थे। तुरंत मनोनयन कराइए। पांच दिनों के अंदर कराइए। अभी चीफ सेक्रेट्री का लंबा-चौड़ा भाषण देख रहे थे। वह तो अपनी कहानी बता रहे थे। देखते क्यों नहीं है? तकलीफ हुआ है। यह सब देखते नहीं है। पांच दिन के अंदर कराइए। अभी तो आपके पूजा-पाठ (ईद) में देरी है न। तब तक पांच दिन के अंदर यह नियुक्तियां कीजिए।" इसके बाद मुख्यमंत्री बीपीएससी अध्यक्ष अतुल कुमार की ओर भी मुखातिब हुए, कहा- "अतुल कुमार जी...आपको किस आधार पर, किस सोच के साथ यहां लाए। बहुत उम्मीद से यहां रखे हैं। पहले कौन आते थे, लेकिन जबसे हम आए हैं सीनियर रिटायर आईएएस अफसरों को इसलिए मौका देते हैं कि काम हो। जरा समस्या हो तो कृपा कर मुझे बताइए। इतना बड़ा काम दिए हैं। ठीक से कराइए।"
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