बिहार के औरंगाबाद में पुलिस ने न'क्सली संगठन भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर जुगल शाह को गि'रफ्तार किया। जुगल के खिलाफ कुल 18 मामले दर्ज हैं और वह पिछले कई सालों से फ'रार चल रहा था। इस कु'ख्यात न'क्सली की गि'रफ्तारी जिला पुलिस एवं सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी का'मयाबी बताई जा रही है।
बता दें कि पुलिस इसकी काफी दिनों से तलाश कर रही थी और निश्चित ठिकानों पर छा'पेमारी भी कर रही थी लेकिन हर बार जुगल च'कमा देकर बच निकलता था। लेकिन, आखिरकार पुलिस ने उसे ध'र द'बोचा।
माओवादी जुगल ढिबरा थाना क्षेत्र के छुछिया गांव का रहने वाला है। यह का'र्रवाई पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार एवं 29 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, गया के समादेष्टा हरे कृष्ण गुप्ता के संयुक्त निर्देशन में तथा भलुआही कैंप के सहायक समादेष्टा रवि कुमार के नेतृत्व में ढिबरा थानाध्यक्ष एवं देव थानाध्यक्ष के द्वारा की गई। इसमें कु'ख्यात न'क्सली को पकड़ पाने में सफलता हाथ लगी है।
एसपी ने बताया कि कु'ख्यात न'क्सली की गि'रफ्तारी को लेकर काफी लंबे समय से कोशिश की जा रही थी। इसी प्रयास के तहत की गई छा'पेमारी के दौरान वह ढिबरा थाना अंतर्गत वन विशुनपुर नहर से गि'रफ्तार किया गया।
पूछताछ के क्रम में उसने बताया कि वह वर्ष 2009 से न'क्सली संगठन में सक्रिय है और वर्ष 2015 से कौलेश्वरी जोन का जोनल क'मांडर के रूप में संगठन का नेतृत्व करता रहा है।
इसका औरंगाबाद जिले के मदनपुर, अंबा, ढिबरा एवं देव थाना के अलावा गया जिला एवं झारखण्ड राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में काफी प्रभाव रहा है. यह ईनामी और चर्चित नक्सली विनय यादव के साथ संगठन को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाता रहा है।
एसपी ने कहा कि इसके अतिरिक्त अन्य सीमावर्ती थानों से इसका आपराधिक इतिहास पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस का'र्रवाई से न'क्सलियों का मनोबल काफी गि'रा है। एसपी ने बताया कि न'क्सली ग'तिविधियों पर अं'कुश लगाये जाने को लेकर आगे भी छा'पामारी अ'भियान लगातार जारी रहेगा।


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