बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित किए गए नए शिक्षक पहले गांव में पढ़ाएंगे। इतना ही नहीं सॉफ्टवेयर के माध्यम से इन शिक्षकों को पोस्टिंग दी जाएगी। जिन इलाकों में कक्षा के अनुपात में बहुत कम शिक्षक हैं, वहां इनकी नियुक्ति होगी। 2 नवंबर को नियुक्ति पत्र मिलने के बाद शिक्षा विभाग इन नव चयनित शिक्षकों को ग्रामीण इलाके के स्कूल आवंटित करेगा। शिक्षा विभाग ने बिहार के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से ग्रामीण इलाकों के स्कूलों की सूची रोस्टर रिक्ति के हिसाब से मांगा है।

कई नव चयनित शिक्षक शहरी स्कूलों में ही अपनी पदस्थापना चाहते हैं
सूत्रों के अनुसार, नव चयनित एक लाख 20 हजार शिक्षकों को स्कूल आवंटित करने के लिए सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी। इसके लिए सॉफ्टवेयर के माध्यम से नव चयनित शिक्षकों को वैसे स्कूलों में पोस्टिंग दी जाएगी। दरअसल, शिक्षा विभाग का मानना है कि जिन स्कूलों सबसे अधिक रिक्तियां हैं, वहां पहले योगदान दिलाया जाए। रिक्तियों को भरने की कवायद सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों के दूर दराज के गांवों, पंचायतों के स्कूलों से होगी। हालांकि, कई नव चयनित शिक्षक शहरी स्कूलों में ही अपनी पदस्थापना चाहते हैं। उनका तर्क है कि गांव की अपेक्षा शहर में आवास रखने की अधिक आसान होगा।

नव नियुक्त शिक्षकों की इंडक्शन ट्रेनिंग भी शुरू होगी
सूत्रों की मानें तो 2 नवंबर के बाद शिक्षा विभाग यह स्पष्ट नहीं कर रहा है कि कब तक सभी शिक्षकों को स्कूल आवंटित कर दिए जाएंगे। माना जा रहा है कि स्कूल आवंटन की प्रक्रिया दो माह तक चल सकती है। बता दें कि 2 नवंबर को नियुक्ति पत्र मिलने के बाद नव नियुक्त शिक्षकों की इंडक्शन ट्रेनिंग शुरू होगी। यह ट्रेनिंग 4 नवंबर से बिहार के 77 शैक्षणिक संस्थानों में दी जाएगी। नवनियुक्त शिक्षक की ट्रेनिंग की मॉनिटरिंग को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है।
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